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मीठी बोलियां  
 
 
 

दिनभर घर-आंगन में आने वाले पक्षी कुछ इस तरह की ही आवाजें निकालते हैं। ये पक्षी भी कुछ-कुछ हम इंसानों जैसे होते है और हमारी तरह ही बांते करते है।

 

इन्हें क़रीब से देखना बहुत आसान हैं, क्योंकि हर रोज हमारे घर के आस-पास ये चहचहाते हुए उड़ते रहते है। बस आपको जरूरत है इनकी हरकतों पर, इनकी बोली पर, आने-जाने पर थोड़ा सा ध्यान देने की। इसी क्रिया को कहते हें ‘बैकयार्ड बर्ड वाॅचिंग‘, यानी अपने आंगन और आसपास आने वाले पक्षियों पर नजर रखने की गतिविधि। क्या आप इन आवाजों को जानते है..... ? पढ़कर देखिए, हो सकता है, ये आवाजें आप रोज सुनतें हों ..............

 

टिटहरी
मैना के आकार के इस पक्षी के भूरे रंग के पंख होते है। इसका सिर और गर्दन काली होती है और चांेच से आंख तक लाल पट्टी होती है। इसकी आवाजें आपको रात या सुबह अधिक सुनाई देगी।

 

आयोरा
चटख रंगों और तेज आवाज से पहचाने जाने वाली इस चिडि़या की नुकीली चोंच होती है। अक्सर पीले रंगों में पाई जाने वाली इस चिडि़या के सिर पर काला रंग उभर कर दिखता है। बोली ‘थैंक्यू जी.......... थैंक्यू जी

 

टूटरूं (लाफिंग डव)
मानव आबादी और खेतों में इन्हे देखा जा सकता है। अनाज और फल खाने वाले ये पक्षी छोटे और गुलाबी सिर वाले होते है। इनकी गर्दन पर काली बिंदिया भी होती है। बोली हूहूहूहू (मानवी हंसी जैसी)

 

ठठेरा बसन्था
(काॅपरस्मिथ बारबेट) गौरेया से बड़ा दिखने वाला यह पक्षी हरे रंग का होता है। इसके माथे तथा गर्दन पर लाल धब्बे होते हैं और पूंछ छोटी होती है। ये पेड़ की सबसे ऊंची डाल पर बैठकर आवाज करते है। बोली टुक.टुक.टुक (बर्तन ठोकने की आवाज जैसी)

 

बड़ा महोक (ग्रेटर कूकल)
कौवें से भारी शरीर के काले पक्षी होेते है - बड़े महोक। कत्थई पंख, लाल आंखों वाले ये पक्षी बंदर की मौजूदगी महसूस कराते हैं। बोली हूप..हूप..हूप..हूप (बंदर जैसी आवाज निकालते है।)

 
1) पक्षियों को कैसे देखें     2) जलीय पक्षी      3) पक्षियों के घोंसल     4) पक्षी संसार के कामगार      5) मीठी बोलियां      6) पर्यावरण की स्वच्छता का प्रतीकः गिद्ध
 
 

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